Monday, July 2, 2007

जीवन का अर्थ है फैलाव कि क्षमता ..जिसमें जितनी जीने कि क्षमता है...वो उतना ही जीवित है।
out of chaos is creation.
इस जीवन में जो भी महत्वपूर्ण है वो किसी नीयम से नही घट ता है।
कल्पना जगत में जीना आपकी प्रकृति है, लेकिन वास्तविक जगत में उड़ानें काम न आएंगी, धरती पर रहकर ही उनका समाधान खोजना होगा । स्वयं को धोखा देने में आप पारंगत हैं। समय आ गया है जब आप वापस लौट आएं और जानें कि सत्य अखिर है क्या?

"समस्या तुम खड़ी कर रहे हो; अपने आप हल न होगी। लेकिन यह मनुष्य का पहला रवैया है। सोचता है, शायद कोई चमत्कार घट जाएगा, कोई घटना बदल जाएगी, संयोग बदल जाएंगे। चीज अपने आप हो जाएगी; क्यों झंझट में पड़ना! आदमी नजरअंदाज करना चाहता है; कहीं और देखने लगता है। यह पहली प्रक्रिया है, कि तुम अपने मन को कहीं और लगाते हो, ताकि समस्या दिखाई न पड़े। और यहीं खतरा शुरू होता है। क्योंकि जिस समस्या को तुमने देखना बंद किया वह तुम्हारे अचेतन में गिरने लगती है, वह तुम्हारे अंधकार कुएं में गिरने लगती है, वह तुम्हारी जमीन के भीतर उतर जाती है, वह अंडरग्राउंड हो जाती है।"

ताओ उपनिषषद, प्रवचन 104 से उद्धृत




तुम्हारी घबराहट,पीड़ा,चिंता या दुखों का आधार कुछ और नहीं बल्कि भय है। सितारों के संकेत समझने का प्रयास भी भय का ही हिस्सा है। प्रश्न यह है कि क्या आप वास्तव में अपनी मौलिक समस्या को सुलझाना चाहते हैं? यदि हां तो आएं जानने की कोशिश करें:

"तुम्हारी पूजा, तुम्हारी प्रार्थना, तुम्हारी स्तुतियों की विधियां, गौर से देखना, तुम्हारे भय से उठी हैं। तुम डर रहे हो। तुम कंप रहे हो। वह कंपन ही तुम प्रार्थना बना लेते हो। उसी कंपन से ओंकार का नाद उठ रहा है। ऐसे ही जैसे अंधेरी रात में कोई आदमी एकांत गली से गुजरता है, जोर से गीत गुनगुनाने लगता है।

ताओ उपनिषषद, प्रवचन 116 से उद्धृत

Sunday, April 22, 2007

अब ब्लोग्गिंग भी हिंदी में ...

वाह ये तो एक दम सही है । मज़ा आ गया ! विश्वास नही होता । अदभूत । आश्चर्यजनक । अद्वितीय । आफरीन । आप टाईप तो इंग्लिश में करते हैं पर वो अपनेआप हिंदी में ट्रांसलेट हो जाता है। यकीन नही होता। मैं कब से ऐसे किसी सॉफ्टवेअर की तलाश में था। और ये है भी एक दम आसान ... अब मैं अपनी सभी कवितायेँ और शायरी हिंदी में लिख सकता हूँ... कमाल है ... विश्वास नही होता ...मुझे थोडा टाइम् लगेगा ... इस बात को मानने में... ।